CONSIDERATIONS TO KNOW ABOUT SHIV CHAISA

Considerations To Know About Shiv chaisa

Considerations To Know About Shiv chaisa

Blog Article

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

बृहस्पतिदेव की कथा

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।

शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध more info मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।

पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।

शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज

Report this page